आज हम आपको science और technology में क्या अंतर है इस पर बात करेंगे।
क्या आप बता सकते है कि साइंस हमारे काम कि चीज है या टेक्नोलॉजी?
मेरा जवाब होगा साइंस हमारे कोई काम नही है हम अपने जीवन में टेक्नोलॉजी का प्रयोग करते है। आगे आपको बिस्तार से जानकारी मिलेगा।
क्या आप बता सकते है कि साइंस हमारे काम कि चीज है या टेक्नोलॉजी?
मेरा जवाब होगा साइंस हमारे कोई काम नही है हम अपने जीवन में टेक्नोलॉजी का प्रयोग करते है। आगे आपको बिस्तार से जानकारी मिलेगा।
Science
बहुत सारे अलग-अलग प्रयोग करने के बाद कुछ नया चीज का खोज करना ही साइंस कहलाता है।
अलैक्जेण्डर पार्क्स ने प्लास्टिक का खोज किए आप कहेंगे कि हम तो प्लास्टिक का प्रयोग करते है तो विज्ञान का प्रयोग तो करते है, जी नही
आप और हम सभी प्लास्टिक से बनी भिन-भिन चीज़ो का प्रयोग करते है।
अलैक्जेण्डर पार्क्स साहव ने हमे बताया कि प्लास्टिक भी कोई चीज होती है पर हमें प्लास्टिक का कैसे प्रयोग करना है इसके बारे में टेक्नोलोजी बताया ।
कहने का मतलब है कि साइंस हम सभी को नई चीजों के बारे में बताती हैं पर science को हम कैसे प्रयोग करे ये technology बताता है।
Technology
हम अपने आस पास जितने भी मशीन या कुछ नया चीज देखते है ये सारे टेक्नोलॉजी के अंतर्गत आते है।
जैसे कि अलैक्जेण्डर पार्क्स साहव ने जो प्लास्टिक का खोज किये थे आज हम प्लास्टिक से बनी अनेक सारे चीज़ का प्रयोग करते है कहने का मतलब है कि हमारे यूज़ लायक टेक्नोलॉजी बनाता है।
हम कह सकते है कि technology ही हमे नया चीज़ बनाकर देता है तो हम science क्यो पड़ते है?
इसका जवाब है कि जब साइंस में जितनी नए खोज हुए है उन सारि चीज़ो का अध्ययन करके एक नया टेक्नोलॉजी विकसित किया जा सके।
यही कारण है हम बचपत से ही science subject को पड़ते हैं।
इसका जवाब है कि जब साइंस में जितनी नए खोज हुए है उन सारि चीज़ो का अध्ययन करके एक नया टेक्नोलॉजी विकसित किया जा सके।
यही कारण है हम बचपत से ही science subject को पड़ते हैं।
विज्ञान वरदान या अभिशाप
हम सब विज्ञान के बारे में बचपत से ही पड़ रहे है तथा जानते है कि विज्ञान और टेक्नोलॉजी के बढ़ने से हमारा जीवन कितना सरल हो गया है पर हम ये नही देखते है कि हमे इसमे कितना नुक्सान होता है।
आप विज्ञान और टेक्नोलॉजी पर गहराई से नज़र डालेंगे तो आपको मिलेगा कि हमारे जीवन तो सरल करती है और साथ मे कुछ नुक्सान भी होता है।
आज हम मोबाइल से पुरे विश्व के लोगों से बात कर सकते है और भी बहुत कुछ कर सकते है पर इसके लिए जो मोबाइल टावर लगाया गया है वो पंछियों को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचती है और बहुत सारे चिड़ियों के प्रजाति अभी लुप्त होने के कगार पर आ पहुँचे है।
गाड़ी जो हमे दुर-दुर तक आसानी से पहुचती है साथ में हमलोग इसको समान ढोने के लिए यूज़ करते है पर उसमे भी हमारा नुकसान होता है अगर हम इसमे अच्छे से ड्राइव नही करते है तो हमारी जान भी जा सकती है और इसको चलाने के जो खनीज लगती है उसको बनने में सालों लग जाती है इसलिए हमें इसका दुरूप्रयोग नही करना चाहिए।
हमें बढ़ते technology के कारण रात को भी light मिल पाता है, Light के LED का प्रयोग करते है और LED को प्रकाश देने के लिए इलेक्ट्रिक current का जरूरत पड़ता है जो कि एक लंबे प्रॉसेस से मिल पाता है।
Electric current बनाने के अनेक प्रोसेस है जैसे हाइड्रोइलेक्ट्रिक जो कि पानी से बनाया जाता है, Thermal power plant इसमें कोयला कि जरूरत पड़ती है, इस सारे जगहों पर आपको पूरी सावधानी से काम करनी पड़ती है नही तो आपकी जान जा सकती है।
आज बढ़ते technology से मानव अंतरिक्ष से लेकर चाँद तक पहुँच गए इसके लिए कितने साइंटिस्ट कि दिन-रात का मेहनत लगता है।
हम किसी कि भी तस्वीर को कैद करके सालों तक रख सकते है और तो इसको रखने के लिए कोई बड़ी जगह नही लगती है।
मानव कि तरह हि मशीन बनाई गई है जिसको रोबोट कहा जाता है इसमे सुनने, देखने और फील करने कैसा बनाया गया है ये सारे advance technology के अंतर्गत आता है इसके के भी कुछ लिमिटेशन डाला गया है।
जैसे कि इसको काम करने के लिए electric current की ज़रूरत पड़ती है।
आजकल बहुत सारे मशीन आटोमेटिक बन गए है जिसके कारण मशीन हमारे लिए काम करता रहता है इसमे केवल थोड़े बहुत इंस्ट्रेशन देने की जरूरत पड़ती है।
Electric current बनाने के अनेक प्रोसेस है जैसे हाइड्रोइलेक्ट्रिक जो कि पानी से बनाया जाता है, Thermal power plant इसमें कोयला कि जरूरत पड़ती है, इस सारे जगहों पर आपको पूरी सावधानी से काम करनी पड़ती है नही तो आपकी जान जा सकती है।
आज बढ़ते technology से मानव अंतरिक्ष से लेकर चाँद तक पहुँच गए इसके लिए कितने साइंटिस्ट कि दिन-रात का मेहनत लगता है।
हम किसी कि भी तस्वीर को कैद करके सालों तक रख सकते है और तो इसको रखने के लिए कोई बड़ी जगह नही लगती है।
मानव कि तरह हि मशीन बनाई गई है जिसको रोबोट कहा जाता है इसमे सुनने, देखने और फील करने कैसा बनाया गया है ये सारे advance technology के अंतर्गत आता है इसके के भी कुछ लिमिटेशन डाला गया है।
जैसे कि इसको काम करने के लिए electric current की ज़रूरत पड़ती है।
आजकल बहुत सारे मशीन आटोमेटिक बन गए है जिसके कारण मशीन हमारे लिए काम करता रहता है इसमे केवल थोड़े बहुत इंस्ट्रेशन देने की जरूरत पड़ती है।
Science or technology me kya antar hai
Reviewed by Triveni Prasad
on
दिसंबर 22, 2019
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